दुर्गा पूजा के अवसर पर विधि-व्यवस्था संधारण एवं आवश्यक तैयारी हेतु डीएम, एसएसपी व नगर आयुक्त ने की समीक्षा बैठक
आसूचना तंत्र को सुदृढ़ एवं सक्रिय रखें; संवेदनशील स्थानों पर विशेष सतर्कतामूलक कार्रवाई करें; विशेष स्वच्छता अभियान चलायेंः डीएम, एसएसपी व नगर आयुक्त ने अधिकारियों को दिया निदेश
पूजा समितियों से निरंतर समन्वय बनाएँ रखें; सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ सार्थक संवाद कायम रखेंः डीएम ने क्षेत्रीय पदाधिकारियों को दिया निदेश
सभी थानाध्यक्ष पंडालों का भ्रमण करेंगे; जुलूसों के साथ थाना की एस्कॉर्ट पार्टी चलेगी क्यूआरटी नियमित गश्ती करेगीः एसएसपी
डीएम ने कहाः विधि-व्यवस्था संधारण से कोई समझौता नहीं किया जा सकता है; पदाधिकारीगण सावधानी बरतें; क्यूआरटी एवं क्यूएमआरटी सक्रिय रखें; ड्रोन से नज़र रखें
उत्कृष्ट भीड़-प्रबंधन, सुगम यातायात एवं सुदृढ़ विधि-व्यवस्था संधारण प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता; सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहेंः डीएम व एसएसपी
पटना, जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह एवं वरीय पुलिस अधीक्षक, पटना श्री राजीव मिश्रा ने कहा है कि दुर्गा पूजा, 2024 के अवसर उत्कृष्ट भीड़-प्रबंधन, सुगम यातायात तथा सुदृढ़ विधि-व्यवस्था संधारण प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहें। अधिकारीद्वय आज समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में इस विषय पर आयोजित एक बैठक में पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। डीएम डॉ. सिंह व एसएसपी श्री मिश्रा ने कहा कि पदाधिकारीगण आसूचना तंत्र को सुदृढ़ एवं सक्रिय रखें तथा संवेदनशील स्थानों पर विशेष सतर्कतामूलक कार्रवाई करें। सभी एसडीओ एवं एसडीपीओ स्वयं भ्रमणशील रहें एवं क्षेत्र का जायजा लें। क्षेत्रीय पदाधिकारीगण सभी हितधारकों (स्टेकहोल्डर्स) से सार्थक संवाद कायम रखें।
पूजा समितियों से निरंतर समन्वय बनाएँ रखें। शांति समिति की ससमय बैठक कर लें। जुलूस का मार्ग परम्परागत रहेगा। अपरिहार्य स्थिति में इसे बदलने के लिए एसडीओ एवं एसडीपीओ द्वारा सभी मानकों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। सभी अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में तैयारियों का पर्यवेक्षण करें। आसूचना तंत्र को सुदृढ़ एवं सक्रिय रखें। सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल को सतत क्रियाशील रखें। अफवाहों का त्वरित खंडन करें। पूर्व की घटनाओं में शामिल लोगों के विरूद्ध निरोधात्मक कार्रवाई करें। भीड़ की गतिविधियों पर सीसीटीवी से निगरानी करें तथा इस आशय का फ्लेक्स/बैनर जगह-जगह प्रदर्शित करें कि आप सीसीटीवी की नजर में हैं। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) एवं क्विक मेडिकल रिस्पांस टीम (क्यूएमआरटी) तैनात रखें। ड्रोन से गतिविधियों पर नज़र रखें। सड़कों को मोटरेबल रखें। मद्य-निषेध अधिनियम का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करें।
विदित हो कि इस वर्ष दिनांक 03 अक्टूबर (गुरूवार) को शारदीय नवरात्र की कलश स्थापना के साथ दुर्गा पूजा प्रारंभ हो रहा है। दिनांक 10 अक्टूबर (गुरूवार) को सप्तमी, 11 अक्टूबर (शुक्रवार) को महाअष्टमी एवं महानवमी तथा 12 अक्टूबर (शनिवार) को दशहरा (विजयादशमी) है। दुर्गा पूजा के बाद 31 अक्टूबर (गुरूवार) को दीपावली तथा 7-8 नवंबर को छठ पूजा है। जिलाधिकारी डॉ. सिंह एवं वरीय पुलिस अधीक्षक श्री मिश्रा ने कहा कि इन सबके मद्देनजर सुदृढ़ प्रशासनिक तैयारी सुनिश्चित रहनी चाहिए। विधि-व्यवस्था से किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता है। डीएम डॉ. सिंह व एसएसपी श्री मिश्रा ने कहा कि जिला स्तर से मुख्य-मुख्य स्थलों पर दंडाधिकारियों तथा पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की जाएगी। सभी अनुमंडल पदाधिकारी तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सार्वजनिक स्थलों पर भीड़-नियंत्रण के मानकों के अनुसार क्षेत्रीय आवश्यकता का आकलन करते हुए दण्डाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों की अतिरिक्त प्रतिनियुक्ति करेंगे।
नगर आयुक्त, पटना नगर निगम श्री अनिमेष कुमार पराशर ने कहा कि आगामी पर्व-त्योहारों के मद्देनजर अभी से स्पेशल क्लीन्लिनेश ड्राइव चलाया जाएगा। नगर कार्यपालक पदाधिकारियों के नेतृत्व में अंचलवार डेडिकेटेड टीम 24×7 सक्रिय रहेगा। जुलूस के मार्ग में कोई भी डार्क स्पॉट नहीं रहेगा। इन स्पॉट्स को चिन्हित कर उसे समाप्त किया जा रहा है। सभी जगहों पर प्रकाश की उत्तम व्यवस्था रहेगी।
डीएम डॉ. सिंह व एसएसपी श्री मिश्रा ने बैठक में अनुमंडलवार तैयारियों की वृहद समीक्षा की। अधिकारीद्वय ने अनुमंडल पदाधिकारियों एवं अपर पुलिस अधीक्षकों/अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों को ससमय शांति समिति की बैठक आयोजित करने का निदेश दिया। सभी पदाधिकारी संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील स्थानों पर विशेष सतर्कता बरतेंगे तथा असामाजिक तत्वों के विरूद्ध निरोधात्मक एवं दण्डात्मक कार्रवाई करेंगे। कॉम्युनिकेशन प्लान सुनिश्चित कर विधि-व्यवस्था का संधारण करेंगे।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि पूजा स्थलों पर महिलाओं एवं पुरूषों के लिए अलग-अलग पंक्ति बनाना आवश्यक है ताकि श्रद्धालुओं को भी कोई समस्या न हो तथा भीड़ प्रबंधन एवं विधि-व्यवस्था संधारण भी सुगमता से किया जा सके। सभी संबंधित पदाधिकारी पूजा समितियों से समन्वय कर इसे सुनिश्चित करेंगे।
एसएसपी श्री मिश्रा ने निदेश दिया कि सभी थानाध्यक्ष पंडालों का भ्रमण करेंगे। क्यूआरटी नियमित गश्ती करेगी। सभी जुलूस के साथ थाना की एस्कॉर्ट पार्टी चलेगी।
डीएम डॉ. सिंह ने निदेश दिया कि एसडीओ अनुमंडल स्तरों पर नियंत्रण कक्ष का गठन करेंगे। नियंत्रण कक्ष में प्रतिनियुक्त पदाधिकारियों/पुलिस पदाधिकारियों/कर्मियों के अतिरिक्त क्विक रिसपॉन्स टीम (क्यू.आर.टी) का भी गठन करें ताकि आवश्यकता पड़ने पर उनका उपयोग किया जा सके।
डीएम डॉ. सिंह ने अधिकारियों को निदेश देते हुए कहा किः-
- त्योहार के दौरान किसी भी प्रकार का मेला, सांस्कृतिक कार्यक्रम, रावण वध, जुलूस, विसर्जन जुलूस इत्यादि कार्यक्रमों का आयोजन जिला प्रशासन की पूर्व अनुमति के बिना नहीं किया जाएगा।
- पूजा आयोजन हेतु शत-प्रतिशत अनुज्ञप्ति निर्गत कराना/नवीकरण कराना अनिवार्य है।
- आपदा प्रबंधन विभाग के गाईडलाईन के अनुसार पूजा पंडालों का निर्माण एवं संचालन सुनिश्चित किया जाना अनिवार्य है।
- आयोजकों के द्वारा पंडालों के पास सीसीटीवी/वीडियोग्राफी की व्यवस्था रहेगी।
- आयोजकों द्वारा अग्निशमन की ठोस व्यवस्था किया जाना अनिवार्य है।
- सभी पूजा पंडालों में अस्थायी विद्युत कनेक्शन की व्यवस्था सुनिश्चित रहनी चाहिए
- भीड़ प्रबंधन हेतु लाउडस्पीकर की समुचित व्यवस्था रहनी चाहिए
- आपत्तिजनक स्लोगन, कार्टून इत्यादि पर रोक है।
- किसी भी प्रवाह में मूर्ति विसर्जन पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगया गया है। मूर्ति का विसर्जन अस्थायी तालाब में ही किया जाना है।
- आतिशबाजी पर रोक है।
- डीजे पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि दुर्गा पूजा में विभिन्न मंदिरों तथा सावर्जनिक दुर्गा पूजन स्थलों पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ होने की संभावना रहती है। पटना में वृहद तैयारी की आवश्यकता पड़ती है। गाँधी मैदान, पटना में रावण-वध कार्यक्रम होता है। अन्य स्थानों पर भी यह होता है। अतः सतर्कता के साथ तैयारी सुनिश्चित करनी होगी। सभी अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी तथा पुलिस पदाधिकारी भीड़ प्रबंधन के मानकों का दृढ़ता के साथ परन्तु विनम्रतापूर्वक अनुपालन कराएंगे। गश्ती दल द्वारा रेगुलर पेट्रोलिंग की जाए। नियंत्रण कक्ष से भीड़ पर निगरानी रखी जाए। सीसीटीवी कैमरा एवं वीडियोग्राफी के माध्यम से अनुश्रवण किया जाए। मेडिकल कैम्प एवं ‘मे आई हेल्प यू’ काउण्टर भी क्रियाशील रखें। यथेष्ट प्रशासनिक सतर्कता, यथोचित निगरानी तथा सुरक्षामूलक कार्रवाई करें।
ज़िलाधिकारी ने कहा कि पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा नगर निगम क्षेत्रों में सीसीटीवी-आधारित सर्विलेंस सिस्टम (निगरानी केन्द्र) विकसित की गयी है। एडेप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम (एटीसीएस), वैरिएवल मैसेज साईन बोर्ड (वीएमडी), पब्लिक एड्रेस सिस्टम एवं इमर्जेन्सी कॉल बॉक्सेज (ईसीबी), स्पीड व्यालेशन डिटेक्शन (एसवीडी), ऑटोमेटिक नम्बर प्लेट रिकॉग्निशन (एएनपीआर) तथा इन्व्यारनमेंटल सेन्सर लोकेशन (ईएसएल) प्रणाली का क्रियान्वयन विभिन्न स्थानों पर किया गया है। इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जा रहा है।
विदित हो कि दुर्गा पूजा के आयोजन के क्रम में जनहित एवं आम जनता की व्यापक सुरक्षा के दृष्टिकोण से आवश्यक दिशा-निर्देश दुर्गापूजा के आयोजकों/व्यवस्थापकों को दिये गये हैं जो निम्नलिखित हैः-
- पूजा पंडाल में विधिवत अस्थायी विद्युत सम्बद्धता अवश्य लें एवं पंडाल का निर्माण विद्युत तारों से सुरक्षित दूरी पर ही करें जिसे विद्युत अधिनियमों का उल्लंघन नहीं हो।
- पंडालों की मजबूती का विधिवत जाँच करायी जाए।
- पूजा पंडाल के निर्माण में अग्नि सुरक्षा नियमों एवं मानकों का अनुपालन किया जाए।
- पंडाल निर्माण के संबंध में सड़क, जलापूर्ति निकासी, टेलीफोन, बिजली के केबुल तथा सरकारी एवं लोक सम्पत्ति को क्षति न पहुंचे, यह सुनिश्चित किया जाय।
- पंडाल निर्माण के क्रम में इस बात का ध्यान रखा जाय कि यातायात व्यवस्था प्रतिकूल ढंग से प्रभावित नहीं हो। वाहनों का परिचालन सजावटों के कारण प्रभावित न हो।
- ध्वनि प्रदूषण यथा लाउडस्पीकर के संबंध में नियमों का अनुपालन किया जाय।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि जनहित में ऐसा किया जाना आवश्यक है तथा इसकी अनुपालन न होने की स्थिति में सभी क्षतियों एवं परिणामों की जिम्मेवारी आयोजकों/व्यवस्थापकों/समितियों की होगी। विधिवत निर्माण हेतु आवश्यक अनापत्ति प्रमाण-पत्र सम्बद्ध विभाग से प्राप्त कर लेना आवश्यक है।
जिलाधिकारी ने सभी अनुमंडल पदाधिकारियों एवं सहायक पुलिस अधीक्षकों/अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों को ससमय शांति समिति की बैठक आयोजित करने का निदेश दिया। अंचल/थाना एवं अनुमण्डल स्तर पर शांति समिति की बैठक में स्थानीय स्तर पर सक्रिय युवकों, गणमान्य व्यक्तियों एवं सिविल सोसाईटी के सक्रिय सदस्यों को भी आमंत्रित करते हुए उनसे सुझाव प्राप्त किया जाय तथा बैठक की विधिवत उपस्थिति पंजी एवं कार्यवाही तैयार करायें। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निदेश दिया कि पूजा समितियों से 20-20 सक्रिय कार्यकर्ताओं की सूची मोबाइल नं. के साथ तैयार करें तथा पंडाल में वोलन्टियर की प्रतिनियुक्ति परिचय पत्र एवं मोनोग्राम के साथ करें। उन्होंने कहा कि सभी पदाधिकारी संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील स्थानों पर विशेष सतर्कता बरतेंगे तथा असामाजिक तत्वों के विरूद्ध निरोधात्मक एवं दण्डात्मक कार्रवाई करेंगे। कॉम्युनिकेशन प्लान सुनिश्चित कर विधि-व्यवस्था का संधारण करेंगे।
जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974; बिहार (पूजा के उपरांत मूर्ति विसर्जन प्रक्रिया) नियमावली, 2021; ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली, 2016 में वर्णित प्रावधानों तथा केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण पर्षद, नई दिल्ली द्वारा निर्धारित दिशा-निदेशों का अक्षरशः अनुपालन अनिवार्यः जिलाधिकारी
जिलाधिकारी ने कहा कि पंडाल का निर्माण तथा प्रतिमा विसर्जन हेतु निर्धारित मानकों का अनुपालन अनिवार्य है। संबंधित अधिकारी बिहार (पूजा के उपरांत मूर्ति विसर्जन प्रक्रिया) नियमावली, 2021 में वर्णित प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित कराएँ। इसके तहत मूर्ति की अधिकतम ऊँचाई 20 फीट तथा ऊपरी संरचना की ऊँचाई 40 फीट तक ही सीमित रखा जाना है। मूर्तियों को प्राकृतिक सामग्री यथा पारंपरिक मिट्टी, बाँस आदि से बनाया जाएगा। मूर्ति निर्माण में प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) का उपयोग नहीं किया जाएगा। मूर्तियों की रंगाई के लिए जहरीले और गैर-जैव विघटनीय रासायनिक रंगों और कृत्रिम रंगों का उपयोग नहीं किया जाएगा। मूर्तियों को पानी में घुलनशील और गैर-विषैले प्राकृतिक रंगों से रंगा जाएगा। विद्युत विभाग के अभियंताओं को सुनिश्चित करना होगा कि पूजा पंडालों में कहीं भी लूज वायर न रहे। नगर निगम, नगर परिषद् तथा नगर पंचायत अपने-अपने कार्यक्षेत्र में साफ-सफाई एवं प्रकाश की उत्तम व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। नगर निकायों का 24×7 डेडिकेटेड टीम क्रियाशील रहे। शौचालय एवं पेयजल की बेहतर सुविधा सुनिश्चित की जाए। विद्युत अभियंता निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि आवश्यकतानुसार पार्किंग की समुचित व्यवस्था रहनी चाहिए।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि पूजा आयोजन हेतु शत-प्रतिशत अनुज्ञप्ति निर्गत/नवीकरण कराना सुनिश्चित करेंगे। अनुज्ञप्ति में अंकित स्थल एवं मूर्ति विसर्जन मार्ग का शत-प्रतिशत भौतिक सत्यापन भी सुनिश्चित करेंगे। संबंधित पूजा समितियों द्वारा बनाए जाने वाले पंडालों तथा इनमें पूजन हेतु स्थापित की जाने वाली मूर्तियों की ऊँचाई क्रमशः 40 फीट तथा 20 फीट से ज्यादा न हो तथा उक्त नियमावली के अनुपालन में हो। पंडालों के पास सीसीटीवी की व्यवस्था रहनी चाहिए। आयोजन एवं पंडाल की अनुज्ञप्ति में ही यह शर्त प्रविष्ट करेंगे कि पूजा समिति के आयोजक पूजा पंडालों में चिन्हित स्थानों पर सी.सी.टी.वी. कैमरों का अस्थायी रूप से अधिष्ठापन करवायेंगें ताकि भीड़ की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा सके। किसी भी प्रकार के अफवाह से बचने तथा सोशल मीडिया पर भी अफवाहों से बचने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार के साथ ही माईकिंग भी कराया जाय। अफवाह फैलाने वाले असामाजिक तत्वों के विरूद्ध सुसंगत धाराओं के अंतर्गत नियमानुसार कार्रवाई भी सुनिश्चित करेंगे। आपतिजनक स्लोगन, कार्टून इत्यादि पर रोक है। इसे सभी पदाधिकारी सख्ती से सुनिश्चित करेंगे।
जिलाधिकारी ने कहा कि जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के अनुसार मूर्ति विसर्जन कृत्रिम तालाबों में होगा। किसी भी प्रवाह में मूर्ति विसर्जन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। मूर्ति विसर्जन के संबंध में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण पर्षद, नई दिल्ली द्वारा निर्धारित दिशा-निदेशों का अक्षरशः अनुपालन करना होगा। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली, 2016 के अनुसार मूर्तियों के विसर्जन से पहले जैव-विघटनीय सामग्रियाँ निपटान के लिए अलग से एकत्र की जाए। सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल मूर्ति विसर्जन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। पूजा समितियों को उनके इस दायित्व से अवगत करा दिया जाए। मूर्ति विसर्जन के मार्ग का निर्धारण कर लिया जाए। मूर्ति विसर्जन हेतु कृत्रिम घाटों का स्थल निरीक्षण अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सुनिश्चित करेंगे। जुलूस मार्ग एवं घाटों को अतिक्रमणमुक्त रखें। सुरक्षित एवं पर्यावरण-अनुकूल मूर्ति विसर्जन की व्यवस्था की जाए।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि लाउडस्पीकर की नियुमानसार सशर्त अनुमति अनुमंडल पदाधिकारी से प्राप्त की जाएगी। रात्रि 10 बजे से सुबह 06.00 बजे तक लाउडस्पीकर पर रोक है। डीजे पर हर परिस्थिति में पूर्ण प्रतिबंध रहेगा एवं पूर्णरूपेण वर्जित रहेगा। इसे सुनिश्चित किया जाए।
जिलाधिकारी ने अनुमंडल पदाधिकारियों को नावों का निबंधन, नावों की संख्या, प्रशिक्षित गोताखोरों की संख्या, कार्यरत नाविकों की संख्या आदि बिन्दुओं की सूक्ष्म समीक्षा संबंधित पदाधिकारियों के साथ कर लेने का निदेश दिया। सुरक्षा के दृष्टिकोण से एवं दुर्घटना से बचाव हेतु त्योहारों के अवसर पर निजी नावों के परिचालन-परिवहन सुरक्षा हेतु बिहार आदर्श नौका अधिनियम, 1985 के तहत नियंत्रणात्मक विधियों को लागू करने का निदेश दिया गया। विसर्जन के दिन नदी में बिना अनुमति के नाव परिचालन पर रोक रहेगी।
जिलाधिकारी ने निदेश दिया कि सभी अनुमंडल पदाधिकारी अपने स्तर पर बैठक आहूत कर अनुमंडल अग्निशमन पदाधिकारी से अग्निशमन संयंत्रों की संख्या, कार्यशीलता, फायर ऑडिट, अग्निशमन वाहन की उपलब्धता, वाटर रिफलिंग के संसाधन के बिन्दुओं पर समीक्षा कर लेंगे। विसर्जन जुलूस एवं विसर्जन स्थल पर आतिशबाजी पर रोक है। सभी अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी इसका अनुपालन कराएंगे।
जिलाधिकारी द्वारा नदी घाटों पर एसडीआरएफ एवं एनडीआरएफ टीम की प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया।
डीएम डॉ. व एसएसपी श्री मिश्रा ने कहा कि विजयादशमी के दिन गाँधी मैदान, पटना के साथ-साथ जिले में अन्य स्थानों पर भी रावण वध कार्यक्रम आयोजित होता है। सभी क्षेत्रीय पदाधिकारी इस अवसर पर दंडाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति के साथ विधिवत ढंग से प्रशासनिक व्यवस्था करेंगे।
डीएम डॉ. सिंह व एसएसपी श्री मिश्रा ने कहा है कि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोकना प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी/थानाध्यक्ष/सीओ/एसडीओ/एसडीपीओ की विशेष जिम्मेवारी है। थानाध्यक्षों एवं अन्य पदाधिकारियों को आसूचना तंत्र को सुदृढ़ कर विधि-व्यवस्था संधारण को सफल बनाने का निदेश दिया गया है। थानाध्यक्ष अपने-अपने इलाके में विधि-व्यवस्था के लिए पूर्ण रूप से उत्तरदायी हैं।
दुर्गापूजा के अवसर पर निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। महाप्रबंधक, पेसू शहरी क्षेत्रों में तथा अधीक्षण अभियंता, विद्युत आपूर्ति, ग्रामीण क्षेत्र ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे।
पुलिस अधीक्षक, यातायात उत्कृष्ट यातायात प्रबंधन सुनिश्चित करेंगे। साथ ही तैयार किए गए यातायात प्लान को आमजन की सुविधा के लिए समाचार पत्रों में प्रकाशित कराएंगे।
दुर्गापूजा के अवसर पर आकस्मिक स्थिति से निपटने हेतु डॉक्टर, पारा मेडिकल स्टाफ एवं आवश्यक जीवन रक्षक दवाओं के साथ एम्बुलेंस सिविल सर्जन प्रतिनियुक्त करेंगे।
जिला अग्निशमन पदाधिकारी, पटना को निर्देशित किया गया कि दुर्गापूजा के अवसर पर आकस्मिक स्थिति से निपटने हेतु फायर दस्ता प्रतिनियुक्त करना सुनिश्चित करेंगे।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सभी पदाधिकारियों को सजग, सतर्क एवं सक्रिय रहने की आवश्यकता है। विधि-व्यवस्था संधारण से किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता है।
इस बैठक में सभी पुलिस अधीक्षक, अपर जिला दण्डाधिकारी विधि-व्यवस्था, कार्यपालक पदाधिकारी, नूतन राजधानी अंचल, पटना नगर निगम, विद्युत कार्यपालक अभियंता, कार्यपालक अभियंता, पीएचईडी, दुर्गा पूजा समितियों के प्रतिनिधि सहित अनेक पदाधिकारी उपस्थित थे। साथ ही सभी अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी एवं अन्य सभी क्षेत्रीय पदाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े हुए थे।